इस बार होलिका दहन रात्रि में रहा। सूर्य ग्रहण होने के कारण काफी समय तक भद्रा काल रहा। ऐसे में होलिका दहन के बाद दूसरे दिन की पूजा के बाद धुलंडी ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया। धुलंडी सुबह से शुरू होती है और शाम 4 बजे तक खेली जाती है। शाम को मंदिरों में […]