नई दिल्ली। बकरीद पर कोरोड़ों बेजुबान जानवरों की बलि दे देकर इस त्यौहार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने धूमधाम से मनाया। लेकिन इसी बीच एक मेमना इस दिन बलि होने से बच गया। क्योकि चारवाहे का प्यार मेमने की बलि देने को तैयार नही था।

 शरीर पर लिखा ‘786’ 

यह मामला राजस्थान (Rajasthan) का है जहां एक चरवाहे (Shepherd) से उसके मेमने (Lamb) को खरीदने के लिए एक करोड़ रुपये तक दिए जाने का ऑफर रखा गया था लेकिन उसने इतने बड़े ऑफर को ठुकराते हुए अपने मेमने को बेचने से इंकार कर दिया।  दरअसल मेमने पर इतनी बड़ी रकम लगाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि  उसके शरीर पर ‘786’ लिखा हुआ है। और यह अंक मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत मायने रखती है।  बकरीद के दिन की लोगों ने बड़े बड़े ऑफर देकर चरवाहे राजू सिंह ने भेड़ खरीदने के मिन्नतें की लेकिन उसना मन बिल्कुल भी नही डगमदाया। क्यकि वो उस मेमने को जान से भी ज्यादा प्यार करता है।

मुस्लिम समुदाय के लिए खास बना मेमना

मिली रिपोर्ट के अनुसार यह मामला चुरू जिले के तारानगर का है। जहां पर यह मेमना चर्चा का विषय बना हुआ है। एक करोड़ रुपये का ऑफर ठुकराने वाले चरवाहे राजू सिंह ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि मेमने के शरीर पर जो संख्या अंकित है, उसका क्या मतलब होता है।

जब मेमने की कीमत इतनी ज्यादा मिलने का ऑफर आने लगा तो राजू ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से इस मामले मे जानकारी ली, तब जाकर उसे पता चला कि मेमना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए कितना खास है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह अंक ‘786’ को ‘बिस्मिल्लाह इर-रहमान इर-रहीम’ की जगह इस्तेमाल किया जाता है।

मेमने का रखा जा रहा खास ध्यान

चरवाहे राजू सिंह ने बताया कि भले ही ये मेमना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत खास है, लेकिन वो इसे बेच नहीं सकते क्योंकि ये जानवर उन्हें बहुत प्रिय है। ये नर मेमना पिछले साल ही पैदा हुआ है और आज लोग भले ही एक दिन का स्वाद पाने के लिए मेमने की कीमत 70 लाख से लेकर एक करोड़ तक लगा रहे है। लेकिन मैं इसे किसी भी कीमत पर बेचने के लिए तैयार नहीं हूं.

खबर है कि लोगों की नजरों में आने के बाद से मेमने की खास देखभाल की जा रही है. उसे अनार, पपीता, बाजरा और हरी सब्जियां खिलाई जा रही हैं। और उसे घर से बाहर निकलने नही दिया जा रहा है।.