Bhai Dooj 2023 जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं दीपोत्सव दिवाली के बाद भाई दूज का त्यौहार आ चुका है और इस त्यौहार के साथ ही समाप्त हो जाएगा कार्तिक पंच पर्व का महीना। भाई दूज के शुभ अवसर के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर कलवा बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है और विजय तिलक लगाती है।
इस शुभ पर्व को पूरे भारत में बहुत हरसोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज किस लेख में हम आपको बताएंगे कि आज भाई दूज के शुभ अवसर पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त क्या है। साथी कलावा बांधने की रीत इतनी महत्वपूर्ण क्यों है।
भाई दूज के अवसर पर बताए गए दो शुभ मुहूर्त Bhai Dooj 2023
प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी भाई दूज बनाने के लिए बहने हरसोल्लास के साथ प्रतीक्षा कर रही है। सबसे पहले तो आपको बता दे भाई दूज महापर्व की रीत बहुत अनोखी और खूबसूरत है। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन अपनी बहन के हाथ से तिलक करवाते हैं और हाथ पर कलवा बनवेट हैं उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसी के साथ ही बहने उनके लंबी आयु और सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है।
Must Read
आपको बता दे इस वर्ष भाई दूज के तिलक के दो शुभ अवसर बताई जा रहे हैं। इसे अच्छा लाभ मिलेगा क्योंकि जो भाई बहन एक समय पर कलावा नहीं बांध पाएंगे वे दूसरे शुभ मुहूर्त का इस्तेमाल कर सकेंगे। आपको बता दे पहला शुभ मुहूर्त सुबह 6:44 से लेकर 9:24 तक माना जा रहा है। वहीं अगर हम बात करें इसके दूसरे मुहूर्त की तो दूसरा मुहूर्त दोपहर 10:40 से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक है। कृपया ध्यान रखें 12:00 बजे के बाद कलवा ना बांधे क्योंकि उसे समय राहुकाल शुरू हो जाएगा।
भाई दूज पूजा विधि
अगर आपने अब तक भाई दूज का त्यौहार नहीं मनाया है और इसे मनाना चाहते हैं तो नीचे बताए गए तरीके आपके लिए बहुत लाभदायक है। नीचे दिए गए निर्देश अनुसार आप अपने भाई के हाथ पर कलावा बांधकर और उनके लंबे आयु की कामना करें।
- भाई दूज के दिन सबसे पहले भाइयों को उठकर सुबह चंद्रमा का दर्शन करना है।
- चंद्र दर्शन के बाद शुद्ध और स्वच्छ जल से स्नान करें।
- शुभ अवसर पर बहनों को अपने-अपने भाइयों के लिए पूजा का थाल सजना है।
- स्मरण रहे पूजा की थाली में आपको चंदन, फुल, मिठाइयां, रोड़ी, मॉली, कुमकुम, सिंदूर, घी का दिया जैसी सामग्री रखनी है।
- इसके अलावा जिस स्थान पर आप भाई दूज का पवित्र त्यौहार मनाना चाहते हैं वहां चावल के मिश्रण से एक चौका निर्माण करें।
- कलावा बांधने के लिए और तिलक करने के लिए आपको अपने भाई को इसी चौके पर बिठाना है।
- अब आपको भाई का तिलक करना है आरती करनी है।
- अंत में काले चने और बताशे देकर उनके लंबी आयु और सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी है।
- अब भाइयों को अपनी बहन को उपहार भेंट करना है और आजीवन उनकी रक्षा का वचन देना है।
- इस प्रकार भाई दूज का खूबसूरत त्यौहार मनाया जाता है।
भाई दूज की पौराणिक कथा
हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है की महा पवित्र नदी यमुना और यमराज भाई बहन है। ऐसी मान्यता है कि यमुना ने कभी अपने भाई यमराज को नहीं देखा था इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए उन्होंने व्रत रखा और उनके स्वागत में उनकी खूब आवभगत की। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने उन्हें दर्शन दिए और आजीवन उनकी रक्षा करने का वचन दिया।
तभी से ऐसी मान्यता है कि जो बहन भाई दूज के दिन अपने भाई के लिए व्रत रखती है और उनकी तिलक करती है उनकी अकाल मृत्यु टल जाती है। साथी यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई-बहन भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करेंगे उन पर यमराज की कृपा हमेशा बनी रहेगी। कई महिलाएं यमराज को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत भी रखती हैं।