आपको बता दें कि कर्मचारियों के 18 माह के महंगाई भत्ते को लेकर सरकार ने राजयसभा में लिखित जवाब दिया है। इस जनकारी को वित्त मंत्रालय की और से राज्य सभा में दिया गया है। जिसके बाद में कर्मचारियों की सभी उमीदें ख़त्म हो गई है। बता दें कि अब कर्मचारियों को 18 माह का महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा।
सरकार ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों को तीन किस्तों का पैसा नहीं दिया जाएगा क्यों की इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। आपको बता दें कि सरकार ने जिस समय महंगाई भत्ते को रोका था। उस समय इससे सरकार को 34,000 करोड़ रुपए की बचत हुई थी। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को DA तथा DR की सरकार की और से दी जाने वाली कुल राशि करीब 34,000 करोड़ रुपये है।
सरकार ने 18 माह के DA पर कही यह बात
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने राज्य सभा में जवाब दिया है। जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों का 18 माह का DA नहीं दिया जाएगा। आपको बता दें की DA की तीन क़िस्त 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021 को रोक दिया गया था। इसके बाअद में सरकार ने जुलाई 2021 को महंगाई भत्ते को बहाल कर दिया लेकिन पिछले 18 माह की अटकी 3 किस्तों का कोई जिक्र नहीं किया गया।
इसके बाद सरकार ने 1 जुलाई 2021 को महंगाई भत्ते में 11 फीसदी का इजाफा किया। जिसके बाद यह 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी तक पहुँच गया। हालाकि मौजूदा समय में यह 38 फीसदी है। लेकिन कर्मचारी उस समय का पैसा चाहते हैं जिस समय महंगाई भत्ते को फ्रीज किया गया था।
कर्मचारी यूनियन ने उठाई आवाज
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि महंगाई भत्ता या महंगाई राहत पेंशनर्स तथा कर्मचारियों का हक़ है। इसको रोका नहीं जाना चाहिए। कोरोना काल में कर्मचारियों ने डटकर काम किया था। उनका महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाया गया लेकिन वे फिर भी काम पर लगे रहें। कई कर्मचारियों तथा पेंशनर्स की इस दौरान मौत भी हो गई। अतः सरकार को इसके दूसरे पहलुओं पर भी विचार करना चाहिए हालाकि यूनियन अब आंदोलन की रणनीति बना रही है।