नई दिल्ली : यह बात तो हर कोई जानता है कि मोदी के विदेश यात्रा में जाने के बाद से लोग भारत की संस्कृति से ज्यादा प्रभावित होने लगे है। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति तक मोदी की नीतियों को मानने लगे है। ऐसा ही हैरान करने वाला नजारा उस समय देखने को मिला जब हमारे देश के कथावाचक मुरारी बापू (Murari Bapu) के कथा से प्रभावित होकर खुद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जयसिया राम के नारे लगाने लगे।
ऐसा नजारा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब कोई विदेशी प्रधानमंत्री किसी हिंदू कथावाचक के पास स्वयं जाकर रामकथा सुनने को पहुंचता है लेकिन ऐसा हुआ है। इन दिनों में ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) में मुरारी बापू (Murari Bapu) की रामकथा चल रही है। जिसमें मंगलवार के दिन अचानक से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक वहां पहुंच गए।
राम कथा में पहुंचे ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने वहां पहुंचकर जय सिया राम का नारा भी लगाया। दरअसल, मोरारी बापू की कथा में 15 अगस्त, मंगलवार को ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक भी शामिल हुए। वहां पहुचने के बाद उन्होंने बताया, कि वो इस स्थल पर एक ब्रिटेन के पीएम होने के नाते नहीं बल्कि एक हिंदू होने के नाते पहुंचे है । वहां पर उन्होंने सबसे पहले व्यास पीठ पर पुष्पांजलि अर्पित किया।
केम्ब्रिज में चल रही मोरारी बापू की राम कथा में पहुंचे ब्रिटिश प्रधानमंत्री @RishiSunak
— Nirnay Kapoor (@nirnaykapoor) August 15, 2023
कहा ब्रिटिश प्रधानमंत्री के नाते नहीं बल्कि एक "हिन्दू" के नाते यहाँ आया हूँ ..@indiatvnews @MorariBapu_ pic.twitter.com/DpgmJtBPXv
गणेश जी की प्रतिमा को रखता हूं हमेशा पास
पीएम ऋषि सुनक ने मुरारी बापू से कहा कि जिस तरह से आपके मंच पर गोल्डन हनुमान जी की तस्वीर लही रहती है, उसी तरह, मैं अपनी डैस्क पर हमेशा भगवान गणेश जी की एक मूर्ति रखता हूं जो मुझे नई ऊर्जा देती है। उन्होंने कहा, ‘बापू आपके आशीर्वाद से हमारे ग्रंथों ने जो एक लीडर के लिए काम सुझाए हैं, वो मैं करने का प्रयास कर रहा हूं। आपकी ऊर्जा मुझे प्रेरणा देती है।
आपने पिछले हफ्ते भारत में 12 ज्योतिर्लिंग में घूम घूमकर रामकथा का वाचन किया और इसके लिए 12000 किलोमीटर की यात्रा की। इस य़ात्रा में शामिल होने का मन मेरा भी था लेकिन यह सैबाग्य मुझे प्राप्त नही हो पाया। जिसका मुझे खेद है।’
ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व है
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने आगे कहा कि उन्हें ब्रिटिश होने के साथ साथ हिंदू होने पर गर्व है। उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि उस आयु में हमेशा परिवार के साथ मंदिर जाते थे उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा मूल्य कर्तव्य या सेवा का है। सुनक ने मंच पर आरती में भी हिस्सा लिया।