फसलों के बारे में जब कभी भी बात शुरू होती है तो लोग अक्सर तिलहन और दलहन की फसलों के नाम से ही चकरा जाते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता की कौन सी फसल दलहन की होती है और कौन सी तिलहन की कैटेगिरी में आती है। अक्सर इंटरनेट पर भी इस बात को लेकर काफी चर्चा होती है। अतः आज हम आपको बता रहें हैं की तिलहन और दलहन की फसलों के अंतर्गत कौन कौन सी फसलें आती हैं। आइये अब आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
आपको बता दें की सोयाबीन एक ऐसी फसल है, जो की तिलहन और दलहन दोनों प्रकार के वर्ग में आती है। असल में सोयाबीन एक फलीदार फसल है और इसका अधिकतर इस्तेमाल तिलहन के रूप में किया जाता है। आइये अब आपको बताते हैं की तिलहन और दलहन का असल मतलब अखर क्या है।
तिलहन और दलहन का असल मतलब
आपको बता दें की दलहन के अंतर्गत जो फसलें आती है उनका इस्तेमाल दालों के रूप में किया जाता है अर्थात दालों की फसलों को दलहन की फसल कहा जाता है। वहीं दूसरी और तिलहन का इस्तेमाल उन फसलों के लिए किया जाता है, जिनसे तेल निकाला जाता है।
सोयाबीन की सबसे ज्यादा खेती वाले चार राज्य
आपको यह भी बता दें की भारत में चार राज्य ऐसे हैं, जो सोयाबीन का 90% से अधिक उत्पादन करते हैं। इनमें सबसे पहले नंबर पर महाराष्ट्र आता है। यहां पर देश में सबसे ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है। बता दें की पूरे देश के कुल उत्पादन का 42.12% सोयाबीन महाराष्ट्र में ही उत्पादित किया जाता है।
वहीं दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश का नाम आता है। यहां पर पूरे देश का 41.50% सोयाबीन उत्पादित किया जाता है। तीसरे नंबर पर राजस्थान आता है। यहां पर पूरे देश का 7.12% सोयाबीन उत्पादित किया जाता है। चौथे नंबर की बात करें तो यह कर्णाटक राज्य है। यहां पर पूरे देश का 3.32% सोयाबीन उत्पादित किया जाता है।