नई दिल्ली। अनुकंपा नियुक्ति को लेकर अब पूरे देश में हाइकोर्ट के द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है फिर चाहे बात पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश से लेकर तेलगाना राज्य  की क्यों ना हो, अनुकंपा नियुक्ति को लेकर हाइकोर्ट का एक बड़ा फैसला सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि सरकारी नौकरी में सेवा करने के दौरान यदि कोई शासकीय कर्मचारीकी मृत्यु हो जाती है तो जान गंवाने वाले शासकीय कर्मचारियों के आश्रितों और परिवारजनों के अलावा अब अनुकंपा नियुक्ति में विवाहित बेटी बहन को भी शामिल कर दिया है।

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब एक मृत कर्मचारी की विवाहित बहन या बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है, अब अनुकंपा नियुक्ति बेटे बहू के अलावा विवाहित बेटी भी मृत कर्मचारी की जगह ले सकती है। जो लिंग भेदभाव के समान होगा।

यह फैसला न्यायमूर्ति पी. माधवी देवी द्वारा जारी किया गया था, जो नरेश की मां और बहन मुनिगला दीपा और रोशनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिनके पिता और भाई की मृत्यु सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में काम करने के दौरानहो गई थी।

तेलंगाना उच्च न्यायालय में दायर याचिका के मुताबिक सबसे पहले नरेश नाम के युवक को अपने पिता की मौत के बाद उस कंपनी में अनुकंपा कोटे पर नौकरी मिली थी, जब सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) कपंनी में सेवा के दौरान उसके पिता की मौत हो गयी थी। लेकिन नौकरी पाने के एक साल की सेवा के बाद नरेश की भी मृत्यु हो गई।

नरेश की मौत के बाद अब सिंगरेनी कोलियरीज के अधिकारी उसकी विवाहित बहन रोशिनी को अनुकंपा नियुक्ति देने से इंकार कर रहे हैं। उनका मानना है कि उसकी बहन शादी शुदा है और अपने भाई पर निर्भर नहीं है। लेकिन अब अपनी बात रखने के लिए बहन रोशिनी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

याचिकाकर्ता रोशिनी के वकील संजीव कलवाला ने सुप्रीम कोर्ट को झारखंड उच्च न्यायालय किए गए फैसले को अदालत के सामने रखते हुए बताया कि इस स्थान पर विवाहित या अविवाहित बहनों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र व्यक्तियों के रूप में सूचीबद्ध करने फैसले को बरकरार रखा गया था इसी तरह के मुद्दे में लैंगिक भेदभाव नही किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता या अविवाहित होने पर कोई भेद नहीं किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में परिवर्तन से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं।

वकील संजीव कलवाला की दलील को सुनने के बाद उस पर विचार करते हुए, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड को याचिकाकर्ता को अनुकंपा कोटा पर नियुक्त करने के निर्देश जारी कर दिए है।