अपने मगरमच्छ देखें ही होंगे। चिड़िया घरों या बड़ी नदियों के किनारे आज भी आसानी से मगरमच्छ देखने को मिल ही जाते हैं। मगरमच्छ एक ऐसा जंतु है। जो अपने आप में कई खूबियां लिए हुए है। इस प्रकार की विशेषताएं अन्य किसी जंतु में देखने को नहीं मिलती हैं। आपको बता दें की मगरमच्छ एक ऐसा जंतु है। जो अपने शिकार को ज़िंदा भी निगल लेता है। इस विशेषता का यही मात्र एक ऐसा जंतु कहा जाता है।

इसका पाचन तंत्र शिकार को गलाकर उसका वजन काफी हल्का कर डालता है। आपको हैरानी होगी की मगरमच्छ का पाचन तंत्र इतना मजबूत होता है की 58 किग्रा के शिकार को गलाकर 13 किलो का कर डालता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की मगरमच्छ के पेट में शिकार आखिर कितने दिन तक जिंदा रहता है। आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से जानकारी दे रहें हैं।

इतने समय पेट में जिंदा रहता है शिकार

मान लें की मगरमच्छ ने किसी शिकार को जिंदा अवस्था में निगल लिया है। तब इस स्थिति में शिकार सबसे पहले मगरमच्छ के पेट के चैंबर में जाता है। यहीं पर मगरमच्छ की ताकतवर मासपेशियां शिकार के शरीर को तोड़ना शुरू कर देती हैं। इस प्रकार से शिकार के दूसरे चैंबर में पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो जाती है। अतः माना जाता है की मगरमच्छ के पेट में शिकार जाने के कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो जाती है। शिकार को वहां साँस नहीं मिलती है तथा अंदर के पेट में गर्मी भी काफी होती है। अतः इसी कारण से मगरमच्छ के पेट में जाने के कुछ ही समय में शिकार की मौत हो जाती है।